नारीवादी लेखिका रूथ वनिता ने अपने आलेख ‘आत्मा का कोई लिंग नहीं होता'(the self is not gendered) में अपनी बात हिन्दू मान्यता में प्रचलित पुराणिक कथाओं और भारतीय दर्शन के वेदांत स्कूल की विचारधारा के माध्यम से कही है।राजा जनक और सुलभा संवाद कहानी का आलेख में उसी संदर्भ में उपयोग है। रूथ वनिता का आलेख पढ़ने से पहले पाठक को यह कहानी एक बार पढ़ लेना और समझ लेना जरुरी हो जाता है।